शिवसेना ने अपने अखबार सामना में बीजेपी के दिवंगत नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता का जिक्र करते हुए बीजेपी पर हमला बोला है… सामना में कहा गया है कि अगर बीजेपी ने बड़ा मन पहले ही दिखाया होता तो ये नौबत ही नहीं आई होती… सामना में लिखा गया है कि करार के अनुरूप दिए गए वचन का पालन करने का ‘बड़ा मन’ बीजेपी ने ढाई साल पहले ही दिखाया होता तो बचाव के नाम पर ‘बड़े मन’ की ढाल सामने लाने की नौबत इस पार्टी पर नहीं आई होती… महाराष्ट्र में अस्थिरता पैदा करने के लिए जो राजनीतिक नौटंकी कराई जा रही है, उस नौटंकी के अभी और कितने भाग बाकी हैं, इस बारे में आज कोई भी नहीं कह सकता… घटनाक्रम ही इस तरह से घट रहे हैं या घटनाएं कराई जा रही हैं कि राजनीतिक पंडित, चाणक्य और पंडित भी सिर पर हाथ रखकर बैठ गए हैं… इस कविता के माध्यम से शिवसेना ने सामना में कहा है कि वायपेयी युग की उनकी विचारधारा देश की राजनीति से कब की अस्त हो गई है…