धार्मिक उन्माद का केंद्र पाखंड और धार्मिक शिक्षा का अभाव से होता है

चिश्ती,दरगाह,कब्र,चादर,ताजिया उठाना बाजा बजाना डीजे बजाना, मातम मानना यह इस्लाम का पाखंड है .भारतीय मुसलमानों के लिए सबसे बड़ा षड्यंत्र मुगल काल से ही प्रारंभ हो गया है जो इस्लाम की वास्तविकता से मुसलमानों को दूर किया गया इस्लाम की वास्तविकता उनके कुरान और हदीस से हैं जो एक ईश्वरवाद सिद्धांत पर आधारित है.लेकिन मुगलई शासन में मुसलमान को व्यापारिक केंद्र बनाने के लिए आस्था का गलत इस्तेमाल किया गया जो हिंदुओं के समकक्ष रखकर मूर्ति पूजा का अधिकार देनाहो गया था. यह इस्लाम के विरुद्ध भारतीय मुसलमान के लिए सबसे बड़ी चुनौती उनके इस्लाम का संरक्षण करना है जो असंभव दिख रहा है भारत में.क्योंकि वास्तविक मुसलमान जो भारतीय है जो इस्लाम के सिद्धांतों के अनुरूप अपने भगवान की पूजा करता है.लेकिन बनावटी मुसलमान पाखंड को लेकर अपने द्वारा नए देवता का निर्माण कर लेता है .जिसमें पीर,फकीर,कब्र,दरगाह चादर चढ़ाना जैसा कार्य कर रहा है. हिंदुओं के द्वारा मनुष्य द्वारा बनाई हुई पाखंड को देखकर भारतीय मुसलमान भी नए देवता के निर्माण में लग गया जो सबसे बड़ी कमजोरी दिख रही है. इस्लाम और कुरान के अनुसार जो विचारधारा है वह सीमित है लेकिन भारतीय मुसलमान कुछ ऐसे हैं जो सीमा पार करके एक नई विचारधारा का निर्माण कर लिए जिसमें कट्टरता भी है और मनगढ़ंत सिद्धांत भी है जो इस्लाम के विपरीत हैं. लेकिन एक सच्चा मुसलमान वह इस्लाम और कुरान की वास्तविकता पर जब बात करता है तो वह एक शिक्षित परिवार और संस्कार को प्रदर्शित कर देता है. यहां पर धार्मिक उन्माद का जो केंद्र बना हुआ है वह हिंदू मुसलमान का नहीं है बल्कि धार्मिक शिक्षा का अभाव की कमी है जब सनातन धर्म और वैदिक सिद्धांत की बात आएगी तो धर्म की वास्तविकता का पता चलेगा यह हिंदुओं के लिए और जब इस्लाम और कुरान की वास्तविकता की बात आएगी तो एक सही मुसलमान होने के लिए प्रदर्शित किया जाएगा….

आशुतोष उपाध्याय
राष्ट्रीय अध्यक्ष
आदर्श ब्राह्मण फाउंडेशन