अंजना वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव की 75 वीं वर्षगांठ के आयोजन में ऑनलाइन और ऑफलाइन पूरे वर्ष कला महोत्सव किए गए।
15 अगस्त को क्योंकि हम सभी आजादी के अमृत महोत्सव की बेला को एक अंतर्राष्ट्रीय रूप देना चाहते थे तो नृत्यम इंस्टिट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स के छात्राओं ने कथक नृत्य एवं देश भक्ति गीतों पर आधारित प्रस्तुति दी साथ ही साथ कुछ नव युवा कलाकारों को देश-विदेश से बुलाया गया जिसमें कलाकार साउथ अफ्रीका, कनाडा, बेंगलुरु दिल्ली इत्यादि से जुड़े।
कथक नृत्यांगना माया कुलश्रेष्ठ कहती है कि अंजना वेलफेयर सोसायटी ने आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में इस साल ऑनलाइन ऑफलाइन सभी तरह महोत्सव किए किए उसका उद्देश्य ही है हम अपनी भारतीय कला संस्कृति को अपने देश के साथ विदेशों में भी पहुंचाएं एवं वहां सीख रहे नव युवा कलाकारों को उसका महत्व बताएं और एक अच्छा प्लेटफार्म देने की कोशिश करें।
नृत्य की प्रस्तुति निम्न कलाकारो द्वारा दी गई
प्रत्याशीता सिंह , स्निग्धा सक्सेना, यशिता यादव, मिशिका वर्षार्णे, आर्तिरिका चक्रबर्ती, पुनम सिंह , सुकन्या
गुरु शिष्य परंपरा क्योंकि हमारे संस्कारों परंपराओं की नीव रही है।
तो इसके अंतर्गत कुछ कलाकारों को बुलाया जो कि देश के विभिन्न हिस्सों में इस विरासत को विकसित कर रहे हैं जबलपुर से पपिया मलिक ,सोमा दास, गुड़गांव ,प्रिया शर्मा देहरादून प्रतिभा रघुवंशी उज्जैन से सम्मिलित हुए। गुरु शिष्य परंपरा समय के साथ किस तरह लुप्त होती जा रही है या उसके मायने और परिणाम बदलते जा रहे हैं ,इन सभी विषयों पर गोष्ठी की और उद्देश्य यही था कि भारतीय कला संस्कृति को संजोया संवारा जा सके।
संस्था के अध्यक्ष मनीष कुलश्रेष्ठ ने बताया हैं हम आने वाले समय में भी देश को कला संस्कृति में और विकसित देखना चाहते है, इसलिए अंजना वेलफेयर सोसाइटी को अब अंतरराष्ट्रीय मंचों से भी जोड़ेंगे ।