इस कानून के तहत छिना आज़म खान से वोट डालने का हक, जानें इसके बार मे

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है… पहले कोर्ट ने विधायकी रद्द की और इसके कुछ दिन बाद अब उनके वोटिंग का अधिकार भी छीन लिया गया है… दरअसल, रामपुर से बीजेपी प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने आजम की वोटिंग राइट समाप्त करने की मांग की थी… इसके बाद इलेक्शन रजिस्ट्रेशन अधिकारी ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के चैप्टर 4 में दिए गए अधिकारों का प्रयोग करते हुए आजम का वोटिंग अधिकार रद्द कर दिया था… आइए जानते हैं 1951 अधिनियम क्या है… देश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए संविधान के अनुच्छेद 324-329 में संसद को ये अधिकार देता है कि वो चुनाव प्रक्रिया को रेगुलेट करने के लिए कानून बना सकती है… चुनाव आयोग देश में चुनाव कराने की संस्था है… इसी क्रम में संसद ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 को बनाया था… जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत वैसे लोग जिनका अपने क्षेत्र में वोटिंग रोल में नाम है वो वोट करने के अधिकारी होते हैं… लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के 43वें सेक्शन के अनुसार, ऐसे शख्स जिसको अयोग्य ठहराया गया हो, वह वोट नहीं डाल सकता है… ऐसा कोई भी व्यक्ति वोट नहीं डाल सकता है कि जिसे सजा दी गई हो… या फिर पुलिस की कस्टडी में हो…