अगले साल पेश होने वाले आम बजट की तैयारियों को लेकर चर्चाएं तेज होने लगी है… बढ़ती महंगाई से आम आदमी को राहत देने के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने डिमांड में सुधार के लिए इनकम टैक्स में कटौती की मांग की है… उद्योग जगत की इस संस्था ने यह सिफारिश रूस के यूक्रेन पर आक्रमण और चीन की आर्थिक मंदी का हवाला देते हुए कही है… क्योंकि दुनिया की अहम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन ने इन घटनाक्रमों के बाद वैश्विक आर्थिक दर को लेकर निराश करने वाले अनुमान लगाए हैं… निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, सीआईआई ने सभी एक्सपोर्ट प्रोडक्ट पर शुल्क और करों की छूट योजना के तहत कवर करने की सिफारिश की है, जो विभिन्न एम्बेडेड करों के खिलाफ रिफंड देता है… शनिवार को केंद्र ने लौह अयस्क और कई इस्पात उत्पादों पर निर्यात शुल्क को खत्म करने का फैसला किया है… सीआईआई ने उपभोग की मांग बढ़ाने को लेकर नागरिकों के लिए आयकर स्लैब और दरों को युक्तिसंगत बनाने, चुनिंदा उपभोक्ता वस्तुओं पर 28प्रतिशत जीएसटी दर को कम करने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन की सुविधा के लिए ग्रामीण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी लाने जैसी नीतियों को लागू करने का सुझाव दिया है… सीआईआई ने वित्त वर्ष 24 में पूंजीगत खर्च को जीडीपी के 3.3-3.4 प्रतिशत तक बढ़ाने की भी सिफारिश की है जो फिलहाल 2.9 प्रतिशत है… पिछले केंद्रीय बजट में पूर्व वित्तीय वर्ष से 35.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ पूंजीगत व्यय में 7.5 ट्रिलियन रुपये की रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई थी…