बॉलीवुड के मशहूर राइटर जावेद अख्तर सामाजिक मुद्दों पर खुलकर बोलते नजर आते हैं… हाल ही में उन्होंने कॉमन सिविल कोड बिल पर मुस्लिम पर्सनल लॉ की आलोचना करते हुए अपनी राय रखी… जावेद अख्तर ने कहा कि अगर मुस्लिम शख्स एक से ज्यादा शादियां कर के पत्नियां रख सकता है तो महिलाओं को भी यही हक मिलना चाहिए… उन्होंने भारत के संविधान की तरफदारी करते हुए कहा कि अगर किसी को अपनी रिवायतें बरकरार रखनी है तो वो रखे, लेकिन संविधान से कोई समझौता बर्दाश्त नहीं होगा… जावेद अख्तर इससे पहले भी कई बार अपने बयान को लेकर सुर्खियों में रहे हैं… अपनी किताब ‘जादूनामा’ में उन्होंने कई मुद्दों पर सवाल खड़ा किया है… मुस्लिम कानूनों को लेकर जावेद ने कहा, ‘मैं पहले से ही कॉमल सिविल कोड का पालन करता हूं… अपने बेटे और बेटी को मैं बराबर प्रॉपर्टी दूंगा… मुस्लिम पर्सनल लॉ के मुताबिक अगर किसी का तलाक होता है तो 4 महीने बाद पुरुष अपनी पहली पत्नी को गुजारा भत्ता देने के लिए बाध्य नहीं होता, ये गलत है.’ जावेद अख्तर ने कॉमनल सिविल कोड को लेकर एक ड्राफ्ट की मांग की जिसमें बहन-बेटियों को संपत्ति में भी बराबर का अधिकार मिले…