विवेक शर्मा, कोरियन कल्चरल सेंटर इंडिया में चल रहा है प्रदर्शनी ‘इररवेर्सिबिलिटी ऑफ़ टाइम’ जिसमें आप इंस्टालेशन आर्टिस्ट ओह सून मी की कलकीर्तियाँ देख सकते है| प्रदर्शनी आर्टिस्ट ओह सून मी समय की कहानी को दर्शाती है जिसमें अतीत और वर्तमान को एक कैनवास में समाहित किया गया है। प्रदर्शनी सभी के लिए सुबह 09 से शाम 06 बजे तक खुली है प्रदर्शनी 01 फरवरी, 2023 तक चलेगी|
इस प्रदर्शनी में उनकी आर्टवर्क ‘15 मिनट्स फॉर फ्रीडम’ देखा गया जो की फर्नांडो ट्रिस डी बेस के उपन्यास “द टाइम सेलर” से प्रेरित है| वही आप ‘अनस्टेबल एक्विलिब्रियम’ आर्टवर्क देखेंगे जिसमे भारतवासियों की उम्मीद को बहुत ही खूबसूरती से दिखाया गया है| यहाँ आप रिलैक्स हो कर अंतर्मन की शांति को ढूंढ सकते है, अंधेरे के माध्यम से उस अनंतता की खोज कर सकते हैं जो प्रत्येक व्यक्ति के अंदर है।
‘सील्ड इटरनिटी_लाइफ’ में सूर्यास्त और सूर्योदय के वीडियो शामिल हैं, इस आर्टवर्क में एक तरफ आप पॉजिटिव और दूसरी तरफ उसके नेगेटिव वीडियो को एक साथ चलते देखे सकते है| यह एक अनूठा संगम ही जो यह दर्शाता है अँधेरा और प्रकाश दोनों ही एक साथ रहते है|
वही आर्टवर्क ‘कॉसमॉस फ्रैक्टल में धरती और आकाश को दिखाया गया है जिसमे सर्कल आसमान और स्क्वैर धरती को दर्शाता है| आर्टवर्क की चाल धरती आकाश की ऊर्जा और पदार्थ को दर्शाता है| उनके कार्यों में कैओस फ्रैक्टल, ड्रीमिंग स्पेस और मिरर मास्क शामिल हैं|
कोरियन कल्चरल सेंटर इंडिया के निदेशक ह्वांग इल योंग ने कहा, यह विशेष प्रदर्शनी कोरियाई कंटेम्पररी आर्टवर्क में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है जिसका विषय ‘समय’ है| कोरियाई दृष्टिकोण में ‘समय’ आर्थिक दृष्टिकोण के परिमितता में डूबा हुआ है। इसके विपरीत, समय के बारे में भारतीय दृष्टिकोण उदार और मुक्त है, वे समय को ईश्वर की इच्छा के अनुसार अनंत स्थायित्व की लगाम में बहने के रूप में देखते हैं। मैं यह देखने के लिए उत्सुक हूं कि समय के दो अलग-अलग मूल्य कैसे टकराते हैं और साथ ही कलाकृतियों के माध्यम से एक दूसरे के साथ प्रतिध्वनित होते हैं।
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