तेल पर यूरोप के बैन के बाद इस महीने रूस ने भारी छूट पर अपना कच्चा तेल बेचा है… पश्चिमी देशों के रूस के तेल पर लगाए गए 60 डॉलर के प्राइस कैप के बाद बेहद कम कीमत पर यूराल क्रूड तेल भारत को बेचा गया है… यूरोपीय यूनियन ने पांच दिसंबर को रूस के क्रूड के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके बाद G-7 देशों कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका ने रूस के तेल पर 60 डॉलर प्रति बैरल की प्राइस कैप लगा दी थी… रूस के तेल पर यह प्राइस कैप लगाने के पीछे मंशा रूस की अर्थव्यवस्था पर भारी चोट करने की थी… लेकिन इसका तोड़ निकालते हुए रूस ने अपना रुझान वैकल्पिक बाजारों विशेष रूप से एशिया की तरफ बढ़ा दिया है… रूस का लक्ष्य वैकल्पिक बाजारों के तौर पर एशिया को भुनाना और प्रतिदिन की दर से लगभग 10 लाख बैरल तेल बेचना है… हालांकि, रूस का कहना है कि वह इस प्राइस कैप को स्वीकार नहीं करता है… रूस ने दो टूक कहा है कि वह इस प्राइस कैप के अनुसार अपना तेल नहीं बेचेगा, फिर बेशक उसे अपना तेल उत्पादन ही कम क्यों ना करना पड़े… पश्चिमी देशों के इस फैसले से रूस बेहद कम कीमतों पर अपना तेल बेच रहा है…