लोकसभा सांसद और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान ने जहर उगलते हुए कहा कि भगोड़े खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह को सरेंडर नहीं करना चाहिए… इसके बजाय अमृतपाल को पाकिस्तान भाग जाना चाहिए… सिमरनजीत ने कहा कि अमृतपाल को रावी नदी पार करनी चाहिए और पाकिस्तान चले जाना चाहिए… सिमरनजीत मान केवल इतने पर ही नहीं रुके और कहा कि ‘हम 1984 में भी पाकिस्तान गए थे, है ना?’ एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि ‘अमृतपाल सिंह को पाकिस्तान भाग जाना सिख इतिहास के हिसाब से उचित है.’ क्योंकि उसका जीवन खतरे में है और सरकार ‘हम पर अत्याचार कर रही है.’ सिमरनजीत सिंह मान की टिप्पणी 1984 की उन घटनाओं की ओर इशारा करती है जो सिख विरोधी दंगों का कारण बनीं थीं… तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जरनैल सिंह भिंडरावाले और अन्य खालिस्तानी आतंकवादियों का सफाया करने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार का आदेश दिया… बाद में इंदिरा गांधी की सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी… और उनकी मौत पर फैली नाराजगी के कारण 1984 में दिल्ली और कई शहरों में सिख विरोधी दंगे हुए… जिसमें हजारों सिखों की मौत हुई…