विवेक शर्मा, 23 मई 2023, नई दिल्ली: कोरिया और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ मानाने के उपलक्ष्य में दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ “कोरिया आर्ट रोड” कार्यक्रम जिसका उद्देश्य था भारत और कोरिया के युवाओ को एक सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक मंच देना| यह कार्यक्रम दक्षिण कोरिया की प्रतिनिधि प्रांत सरकार ‘ग्योंगसांगबुक-डो’ द्वारा आयोजित की गई थी|
दोनों देशों के युवाओं के सांस्कृतिक और कलात्मक आदान-प्रदान कार्यक्रम के माध्यम से एक नए युग का नेतृत्व करने की कोशिश रही| कार्यक्रम की अध्यक्षता दक्षिण कोरिया के ग्योंगसांगबुक-डो प्रांत के गवर्नर चेओल-वू ली ने की।
दोनों देशों के कलाकारों ने एक साथ मिलकर तायक्वोंडो पूमसे का प्रदर्शन दिया, ग्योंगसांगबुक-डो से कोरियाई पारंपरिक किसानों का संगीत, पारंपरिक कोरियाई संगीत जैसे लोक गीत, के-पॉप नृत्य प्रदर्शन और भारत और कोरिया के युवाओं के बीच एक संयुक्त प्रदर्शन भी दिया। भारतीय सांस्कृतिक प्रदर्शन का प्रतिनिधित्व करने के लिए, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आई सी सी आर) ने भारतीय शास्त्रीय और लोक नृत्य प्रदर्शन प्रस्तुत किए।
कोरियाई प्रांत सरकार उम्मीद करती है की विश्वविद्यालयों में अध्ययन करने, कंपनियों में काम करने और क्षेत्र में अन्य गतिविधियों के अवसरों के साथ उत्कृष्ट भारतीय युवा कोरिया आये| इस संबंध में, कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र भारत ने कार्यक्रम के समर्थन में भारतीय कॉलेज के छात्रों और खासकर विशेष रूप से विकलांग छात्रों को आमंत्रित किया।
भारतीय छात्रों को आकर्षित करने के लिए एक सूचना सत्र के साथ-साथ चेओल-वू ली द्वारा एक विशेष व्याख्यान भी दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित कि गई जिसमें युंगनाम विश्वविद्यालय द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन किये गए।
गवर्नर चेओल-वू ली ने कहा, “‘कोरिया आर्ट रोड’ कार्यक्रम हमारे लिए हमारे देश की संस्कृति और ग्योंगसांगबुक-डो की उत्कृष्टता को पेश करने का एक अवसर है। ग्योंगसांगबुक-डो और भारत के बीच संयुक्त प्रदर्शन के माध्यम से, हम उम्मीद करते हैं कि संस्कृति और कला के माध्यम से एक साथ हंसने और आनंद लेने का एक अद्भुत अनुभव, और अंततः एक हो जाना है। हम कोरिया और भारत के लिए अधिक सामंजस्य बनाने और संस्कृति के माध्यम से कोरिया-भारत संबंधों के एक नए युग की ऊर्जावान शुरुआत करने के लिए और अधिक अवसर बनाने की उम्मीद कर रहे हैं।