हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन के बीच चल रही तकरार को लेकर अब प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं… बीजेपी-जेजेपी के बीच गठबंधन रहेगा या नहीं, इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है… ऐसे में चार निर्दलीय विधायकों की प्रदेश बीजेपी प्रभारी बिप्लव देब से मुलाकात ने अब इस मामले को और ज्यादा तूल दे दिया है… तो क्या जेजेपी के बीजेपी से अलग होने पर खट्टर सरकार गिर जाएगी? या फिर बीजेपी जेजेपी से अलग होकर भी सरकार बचाने में कामयाब होगी, जानिए पूरा समीकरण क्या कहता है? हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं… सतारुढ़ बीजेपी के पास अपने 41 विधायक है और उनको सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों की जरूरत है ऐसे में अभी सरकार में जेजेपी के 10 विधायक शामिल है… अगर जेजेपी बीजेपी से अलग हो जाती है और प्रदेश बीजेपी प्रभारी बिप्लव देब से मुलाकात करने वाले 4 विधायक बीजेपी को समर्थन देते है तो उनके पास 45 विधायक हो जाएंगे… ऐसे में एक विधायक बीजेपी के पास पहले से ही है क्योंकि गोपाल कांडा पहले ही बिना शर्त के बीजेपी को समर्थन दे चुके है… ऐसे में खट्टर सरकार समर्थन जुटाने में कामयाब हो जाएगी और बीजेपी की सरकार बनी रहेगी… बहरहाल, हरियाणा बीजेपी प्रभारी बिप्लब देब से जिन चार विधायकों ने मुलाकात की है वो धर्मपाल गोंदर, राकेश दौलताबाद, रणधीर सिंह और सोमवीर सांगवान है…