एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने पार्टी के 25वें स्थापना दिवस पर चौंकाने वाला फैसला सुनाया… उन्होंने पार्टी में दो कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति का ऐलान किया… एक नाम प्रफुल्ल पटेल का, तो दूसरी उनकी बेटी सुप्रिया सुले का है… इस फैसले के बाद सवाल शरद पवार के भतीजे अजित पवार के भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे थे…. साथ ही अजित को साइडलाइन किए जाने की अटकलों ने एक बार फिर जोर पकड़ना शुरू कर दिया… सुप्रिया सुले की माने मानें तो पार्टी ने अजित पवार को साइडलाइन नहीं किया, बल्कि उनके पास बड़ी जिम्मेदारी है… सुले ने उन खबरों को ‘कयास’ करार देकर खारिज कर दिया कि पार्टी में उनका कद बढ़ने से उनके चचेरे भाई और पार्टी नेता अजित पवार असहज हैं… उन्होंने पीटीआई से कहा, “यह सही नहीं है कि अजित पवार को किराने कर दिया गया है… वे नेता प्रतिपक्ष हैं, जो मुख्यमंत्री के बराबर का पद है.” सुले ने आगे कहा कि, राष्ट्रीय स्तर पर वह शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल को रिपोर्ट करेंगी, जबकि राज्य में अजित पवार, छगन भुजबल और जयंत पाटिल को रिपोर्ट करेंगी… पीटीआई के अनुसार, सुप्रिया ने कहा कि ‘‘हां, यहां वंशवाद की राजनीति है और मैं इस बात से गौरवान्वित महसूस करती हूं कि मैं शरद पवार और प्रतिभा पवार की बेटी हूं… उन्होंने कहा कि जो मेरी ओर अपनी उंगली दिखाते हैं उन्हें समझना चाहिए कि बाकी उंगलियां उन्हीं की ओर इशारा करती हैं… लोगों को बोलने दें…