कहते हैं , जब किसी इंसान की मृत्यु होती है तो शमशान घाट या कब्रिस्तान उसका अंतिम पड़ाव होता है… फिर चाहे वो किसी भी धर्म या मजहब का हो… उसके घरवालों की यही इच्छा होती है कि अंतिम संस्कार में कोई कमी ना रह जाये वरना मृतक को मोक्ष नहीं मिलता… पर मुंबई के घाटकोपर हिन्दू शमशान भूमि पर बहुत बड़ी लापरवाही देखने को मिली… ये शमशान भूमि घाटकोपर पूर्व में सोमैय्या कॉलेज के पास स्थित है… हमारे संवाददाता मिथुन बुंदेला ने वहां जाकर देखा कि, यहां पर जब चिता जला दी जाती है तब मृतक के घरवाले और परिचित इस विश्वास से अपने घर चले जाते हैं कि बाद में आकर अस्थि ले लेंगे… पर यहां तो उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ हो रहा है… शमशान भूमि के कर्मचारी मुर्दे को आधा ही जलने पर उसे आवारा कुत्तों को खाने के लिए छोड़ देते हैं… जब हमारी टीम ने वहां के स्थानीय प्रशासन से पूछना चाहा तो हर कोई गोल मोल जवाब देकर बचना चाहा… हालांकि स्थानीय लोग जब इस मामले को सुने तो हैरान रह गए… इस मामले पर हमारे संवाददाता मिथुन बुंदेला ने लोगों से बातचीत की…