मंगलवार गत 12 सितंबर को आए फैंसले ने टी एंड टी इंफ्राज़ोन सहित दिल्ली एनसीआर के उन तमाम बिल्डरों पर एक मिसाल कायम कर दी जो खुद के सामने रेरा को बौना समझते थे इस ऐतिहासिक आदेश के बाद दिल्ली एनसीआर के सभी फ्लैट आवंटी और खरीदारों में खुशी का माहौल है साथ ही यूपी रेरा के प्रति एक विश्वास कायम हुआ है |
बताते चलें की गाजियाबाद के सिद्धार्थ विहार में बन रही टी एंड टी कंपनी के प्रोजेक्ट होम्स में न्यूज पेपर्स ऐसोसिएशन आफ इंडिया के वरिष्ठ पदाधिकारी और सांसद मेनका गांधी के प्रतिनिधि गौरव और सौरव गुप्ता ने 2019 में फ्लैट बुक किया था जिसकी पूरी कीमत अदा कर दी गई लेकिन जब बिल्डर की तरफ से उन्हें फ्लैट का कब्जा ऑफर किया गया तो वहां रहने लायक कोई भी मूलभूत सुविधा नहीं थी साथ ही निर्माण कार्य चल रहा था पूरी सोसायटी में खुले नंगे तार, जल भराव और मलवा पड़ा था साथ ही बिल्डर द्वारा उनसे हर फ्लैट की एवज में साढ़े साथ लाख रुपए की अतिरिक्त मांग भी की गई , इसके खिलाफ उन्होंने बीते वर्ष सितंबर 2022 में यूपी रेरा में बाद दाखिल कर दिया मामले में असली मोड यहीं से आया जब रेरा में वाद दाखिल करने के बाद टी एंड टी कंपनी के निदेशक अंकुश त्यागी ने उनके फ्लैट का आवंटन ही रद्द कर दिया और फ्लैट को किसी अन्य तीसरे को बेचने की कोशिश करने लगा इसके तुरंत बाद उनके द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा गया इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद मेनका गांधी ने भी उत्तर प्रदेश शासन में बात की जिस पर हरकत में आई गाजियाबाद पुलिस ने एंटी फ्रॉड सेल और वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में इस मामले की गहनता से जांच की और बिल्डर कंपनी को दोषी पाते हुए प्रथम दृष्टिया टी एंड टी कंपनी के प्रबंधन तंत्र और निदेशक अंकुश त्यागी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति कर दी जिसके बाद गाजियाबाद के विजय नगर थाने में संगीन धाराओं के तहत एक के बाद एक दो मुकदमे दर्ज कर लिए गए |
मुकदमा दर्ज होने के बाद बिल्डर अंकुश त्यागी और विजय नगर थाना पुलिस ने आपस में साठ गांठ कर मुकदमों को दीवानी प्रवृति का बताते हुए अंतिम रिपोर्ट लगवा दी थी लेकिन जैसे ही यह मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आया तो पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया, पुलिस आयुक्त ने खुद संज्ञान लेते हुए मामले में तत्कालीन एसीपी को कड़ी फटकार लगाई इसके बाद कोर्ट ने भी अंतिम रिपोर्ट को गलत बताते हुए मामले में पुनः विवेचना के आदेश जारी कर दिए पुलिस अधिकारियों द्वारा मामले में विजय नगर थाना पुलिस पर जांच बिठा दी गई जिसमे दोषी पाते हुए विजयनगर थाने के पूर्व दो जांच अधिकारियों सुरेंद्र यादव व एक अन्य जांच अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई के आदेश दे दिए और मामले की विवेचना भी विजय नगर थाने से कोतवाली गाजियाबाद में स्थानांतरित कर दी गई |
अब इस हाई प्रोफाइल मामले में नया मोड़ आया है
जब यूपी रेरा ने बिल्डर अंकुश त्यागी और उसकी कंपनी को दोषी पाते हुए पुनः आवंटन जारी कर 45 दिन के अंदर फ्लैट को पूरा कर कब्जा दिए जाने के लिए आदेश जारी कर दिया है 13पन्नो के विस्तृत आदेश में यूपी रेरा ने सभी बिंदुओं पर टी एंड टी कंपनी को दोषी पाते हुए 2022 में जारी कब्जा ऑफर को ही अवैध माना है आदेश में साफ लिखा गया है की आवेदक द्वारा दिखाई गई सोसायटी की फोटो और वीडियो से साफ दिखता है की उस समय पूरी सोसायटी निर्माणाधीन थी जिसके चलते बिल्डर को ओसी तक नही मिली थी बावजूद इसके कब्जा लेने का पत्र जारी कर दिया गया और जब आवंटी ने इसके खिलाफ आवाज उठाई और वाद दाखिल किया तो बिल्डर द्वारा फ्लैट आवंटन रद्द करने का पत्र जारी कर दिया गया जो टीएंडटी कंपनी की बदनीयती को दर्शाता है क्योंकि फ्लैट की संपूर्ण धनराशि बिल्डर कंपनी पहले ही ले चुकी थी आदेश में लिखा गया है की बिल्डर वैधानिक पुनःनिरीक्षित कब्जा पत्र जारी करें 45 दिन में फ्लैट का कब्जा दे और जो रकम ब्याज के तौर पर मांगी गई थी वह भी लेने का कोई आधार नहीं है जिसे निरस्त करते हुए फ्लैटों का कब्जा दिए जाने का आदेश जारी कर दिया गया |
Thomes प्रोजेक्ट में बिना ओसी प्राप्त जारी किए गए फ्लैट कब्जा ऑफर
रेरा ने माना की प्रोजेक्ट टी होम्स तय समय सीमा पर प्रोजेक्ट का कार्य पूरा नहीं किया गया इसलिए बिल्डर कंपनी को आदेशित किया जाता है की वह शिकायतकर्ता की कुल जमा धनराशि पर 1.4.22 से ओसी/सीसी प्राप्ति की तारीख तक का बैंक ब्याज के साथ अतिरिक्त 1 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज अदा करेगा |
यूपी रेरा का यह फैसला बहुत सख्त अंदाज में जारी किया गया है जो अब दिल्ली एनसीआर के खरीददारों को उनकी संपत्ति पर सुरक्षा और संरक्षण देगा |
टी एंड टी की बढ़ सकती है मुश्किलें
गौरतलब है कि इस फैसले के आने के बाद बिल्डर अंकुश त्यागी और उसकी कंपनी टी एंड टी की मुश्किल अब और भी ज्यादा बढ़ गई है बताते चलें कि बिल्डर अंकुश त्यागी और उसकी कंपनी पर पहले ही गंभीर अपराधों के दो मुकदमे दर्ज हैं जिन पर अभी जांच प्रचलित है और अंकुश त्यागी अग्रिम जमानत पर है और उसके विदेश जाने पर रोक है वहीं अब रेरा के आदेश के बाद पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मुकदमों की जांच को भी बल मिलेगा इन मुकदमों में बिल्डर अंकुश त्यागी पर पहले ही बिना अनुमति विदेश जाने पर रोक लगी हुई है जिसके लिए उसने हाल ही के दिनों में गाजियाबाद जिला अदालत से विदेश जाने की अनुमति की गुहार लगाई थी जिस पर अदालत से उसे अभी तक विदेश जाने की अनुमति नहीं मिल सकी है यानी साफ हो जाता है की कल तक कानून को ठेंगा दिखाने वाला ठग बिल्डर अब पूरी तरह कानून के शिकंजे में फस गया है |
रेरा के आदेश से रियल स्टेट के किन आवंटियों को कैसे मिलेगा लाभ
दिल्ली हाई कोर्ट की जानी मानी वकील निहारिका कश्यप के अनुसार यह एक बहुत ही ऐतिहासिक आदेश है जिसका लाभ दिल्ली एनसीआर के फ्लैट खरीददारों और आवंटियों को मिलेगा साथ टी एंड टी इंफ्राजोन के वह सभी फ्लैट आवंटी जिन्हे 1अप्रैल 2022 से ओसी प्राप्ति की तारीख के बीच फ्लैट का कब्जा दिया गया है वह भी मुआवजे के हकदार होंगे इसके लिए उन्हें इस आदेश का हवाला देते हुए यूपी रेरा या सिविल कोर्ट में वाद दाखिल करना होगा |
गाजियाबाद कोर्ट के वकील प्रेम प्रकाश मिश्रा के अनुसार अब कोई भी प्रमोटर परियोजना संपूर्ण होने की तय समय सीमा से ओसी प्राप्त होने तक की सीमा के बीच का ब्याज देने का देनदारी होगा यानी बिल्डर को जब तक ओसी नही मिल जाती तब तक उसके द्वारा ऑफर किया गया कब्जा पत्र मान्य ही नही होगा ऐसे में आवंटी परियोजना के तय समय सीमा से बिल्डर द्वारा ओसी प्राप्त होने तक बिल्डर पर अपनी जमा धनराशि पर एमसीएलआर+1 प्रतिशत की दर से मुआवजे का हकदार होगा।