चंद्रयान-3 और सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल1 मिशन के बाद, भारत अपने पहले मानवयुक्त मिशन ‘समुद्रयान’ की तैयारी कर रहा है… इस मिशन में भारत गहरे महासागर में 6 किमी समुद्र की गहराई में तीन वैज्ञानिकों को भेजने की योजना बना रहा है… केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मानवयुक्त पनडुब्बी ‘मत्स्य 6000’ का निरीक्षण किया… ‘मत्स्य 6000’ मिशन ‘समुद्रयान’ के तहत महासागर की गहराई का पता लगाएगी… इसका विकास चेन्नई में राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान में किया जा रहा है… इसके तैयार हो जाने के बाद तीन वैज्ञानिक गहरे समुद्र के संसाधनों और जैव विविधता मूल्यांकन का अध्ययन करने के लिए समुद्र की गहराई में जा सकेंगे… पहले मानवयुक्त पनडुब्बी ‘मत्स्य 6000’ को गहरे समुद्र के संसाधनों जैसे कीमती धातुओं और खनिजों का अध्ययन करने के लिए 6 किमी पानी के नीचे भेजने के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है… National Institute of Ocean Technology (NIOT) चेन्नई द्वारा विकसित किया जा रहा समुद्रयान मिशन का समुद्री जहाज मत्स्य 6000 का 2024 की शुरुआत में बंगाल की खाड़ी में परीक्षण किया जाएगा…