लोकसभा के बाद गुरुवार को राज्यदसभा से भी महिला आरक्षण बिल पास हो गया… इसी के साथ संसद का विशेष सत्र अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है… हालांकि, कानून बनने के बाद भी इसे लागू होने में समय लगेगा… महिला आरक्षण के रास्तेा में अभी कुछ अड़ंगे लगे हुए हैं… इनमें परिसीमन और जनगणना से जुड़े पहलू शामिल हैं… दरअसल, महिला आरक्षण बिल को इन दोनों ही चीजों से जोड़ा गया है… इस कारण कानून बनने के बाद भी इसे लागू करने में वक्ता लगेगा… जनगणना और परिसीमन दोनों काफी जटिल प्रक्रियाएं हैं… इनकी रफ्तार भी धीमी होती है… जनगणना-2021 डिजिटल तरीके से होनी है… जनगणना के बाद परिसीमन होगा… जिसमें कम से कम दो साल का समय लगेगा… ऐसे में कुल मिलाकर 2029 के बाद ही महिला आरक्षण कानून लागू हो पाएगा… ऐसे में इस पूरी कवायद में दो बातें बहुत ज्यालदा अहम हो जाती हैं… पहला, जनगणना कब शुरू होगी? दूसरा, नया परिसीमन कब लागू होगा? असल में जनगणना 2021 में होनी थी… लेकिन, कोरोना के कारण इसे अनिश्चित काल के लिए टाल दिया गया था… फिर जून 2023 में भारत के जनगणना रजिस्ट्रा र जनरल ने जनगणना के वास्ते प्रशासनिक सीमाएं तय करने की तारीख बढ़ाकर 1 जनवरी 2024 कर दी… ये सीमाएं जिले, तहसील, कस्बेस और गांवों से जुड़ी होती हैं… इन सीमाओं के तय होने के तीन महीने बाद जनगणना शुरू होती है… उस समय तक आम चुनाव की घोषणा हो चुकी होगी… यह और बात है कि जनगणना शुरू होने की तारीख नहीं आई है… अब दूसरे सवाल पर आते हैं। परिसीमन लागू कब होगा? लोकसभा के लिए आखिरी परिसीमन आयोग 2001 की जनगणना के बाद 2002 में रिटायर्ड जज कुलदीप सिंह की अध्यकक्षता में बना था… 84वें संविधान संशोधन के कारण इसकी सिफारिशें वैसे ही रह गईं…