बिहार में 75% आरक्षण को पटना हाई कोर्ट में चुनौती, याचिकाकर्ता ने इसकी संवैधानिक वैधता पर उठाए सवाल

बिहार सरकार के आरक्षण के दायरे में वृद्धि करने के फैसले को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है… बता दें कि बिहार विधानमंडल ने हाल ही में एक संशोधन के जरिए पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण को मौजूदा 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी कर दिया था… पटना उच्च न्यायालय में इस फैसले को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है… मामले से जुड़े उच्च न्यायालय के एक सूत्र के अनुसार, याचिका की प्रति सूचीबद्ध करने से पहले महाधिवक्ता के कार्यालय को भेज दी गई है… याचिका में बिहार आरक्षण (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए) (संशोधन) अधिनियम, 2023 और बिहार (शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश में) आरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2023 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है… याचिकाकर्ता ने इन अधिनियमों पर रोक लगाने की भी मांग की है… राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण 50 से बढ़ाकर 65 फीसदी कर दिया गया है… वहीं ईडब्ल्यूएस कोटा को यथावत 10 फीसदी रखा गया है… इस तरह बिहार में आरक्षण का दायरा 50 से बढ़कर 75 फीसदी पहुंच गया है…