भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति की बैठक पर सबकी नजरें टिकी हैं, जहां यह तय किया जाएगा कि ब्याज दरों में कटौती होगी या नहीं। मौजूदा रेपो रेट 6.5% है, और हाल के वैश्विक आर्थिक बदलावों, खासकर अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में बदलाव के बाद, भारत में भी दरों में कमी की उम्मीदें बढ़ी हैं।
हालांकि, विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है। कुछ का मानना है कि आरबीआई इस बार ब्याज दरों में बदलाव नहीं करेगा, जबकि अन्य विशेषज्ञों को उम्मीद है कि अगर महंगाई काबू में रही तो दरों में जल्द ही कटौती देखने को मिल सकती है।
कम ब्याज दरें न केवल रियल एस्टेट सेक्टर को राहत देंगी, बल्कि होम लोन और अन्य लोन सस्ते होने से खरीदारों की दिलचस्पी बढ़ेगी। इससे बाजार में नई ऊर्जा आ सकती है और डेवलपर्स को भी नए प्रोजेक्ट्स शुरू करने का प्रोत्साहन मिलेगा। वहीं, अगर दरें स्थिर रहती हैं, तो भी यह बाजार के लिए अच्छा संकेत हो सकता है क्योंकि इससे निवेशकों को भरोसा मिलेगा कि आने वाले समय में स्थिरता बनी रहेगी। बता दें की फरवरी 2023 के बाद से आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, जब दरें बढ़ाकर 6.5% की गई थीं। तब से लेकर अब तक करीब 8 महीने हो चुके हैं, और इस बार भी संकेत यही हैं कि अक्टूबर की बैठक में ब्याज दरों में बदलाव की संभावना कम है।
फिलहाल, एक्सपर्ट्स का मानना है कि आरबीआई का फैसला इस बार स्थिर रहने की ओर इशारा कर सकता है, लेकिन आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कमी की उम्मीदें पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक 7 से 9 अक्टूबर के बीच चल रही है, जिसमें 9 अक्टूबर को रेपो रेट को लेकर अहम फैसला लिया जाएगा।
आइये जानते है क्या कहते है रियल एस्टेट से जुड़े जानकर
संजीव अरोड़ा, निदेशक, 360 रियलटर्स का कहना है कि स्थिर मौद्रिक नीति हमेशा रियल एस्टेट बाजार के लिए फायदेमंद होती है। अगर आने वाले सप्ताह में रेपो दर अपरिवर्तित रहती है, तो यह एक सकारात्मक विकास होगा, जिससे आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं को आत्मविश्वास के साथ बढ़ने में मदद मिलेगी। घर खरीदने वालों को किफायती वित्तपोषण विकल्पों से भी लाभ होगा। इसके अतिरिक्त, दरों में कोई भी कमी घरों में निवेश करने के लिए और अधिक ग्राहकों को प्रोत्साहित करेगी, जिससे पूरे क्षेत्र में मांग बढ़ेगी।
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के फाउंडर और चेयरमैन, प्रदीप अग्रवाल के अनुसार आरबीआई इस बार भी लगातार आठवीं बार ब्याज दरों को स्थिर रख सकता है और इसका एक बड़ा कारण हो सकता है बढ़ती हुई खाद्य महंगाई, हालांकि बाकी महंगाई (सीपीआई) अभी भी उनके तय किए गए दायरे में है। इस साल की मजबूत जीडीपी ग्रोथ ने भी इस फैसले को प्रभावित किया होगा। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि अगर महंगाई कम होती रही, तो साल की दूसरी छमाही में ब्याज दरों में 25 से 50 आधार अंकों की कटौती हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो इससे रियल एस्टेट सेक्टर को और भी बढ़ावा मिलेगा, जहां पहले से ही खरीदारों की ओर से अच्छी मांग देखी जा रही है। हमें उम्मीद है कि आने वाले सालों में यह मांग का सिलसिला जारी रहेगा, खासकर गुरुग्राम जैसे शहरों में, जहां तेजी से बुनियादी ढांचे का विकास हो रहा है और रियल एस्टेट के लिए नए मौके बन रहे हैं।
एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा का कहना है कि फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कम होने के बाद उम्मीद यह की जा रही है कि आरबीआई भी ब्याज दरों में कमी लाएगा। हालांकि अगर ब्याज दरों में कमी आती है या दरें स्थिर भी रहती हैं तो यह रियल एस्टेट मार्केट और लाखों घर खरीदारों के लिए खुशी की खबर है। स्थिर दरों से फेस्टिव सीजन में भी होम लोन सस्ते बने रहेंगे, जिससे लोगों को घर खरीदने का बढ़िया मौका मिलेगा। इससे खरीदारों की रुचि और बढ़ेगी और डेवलपर्स के लिए भी नए प्रोजेक्ट्स शुरू करने का बेहतर अवसर मिलेगा।
रॉयल एस्टेट ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पीयूष कंसल का कहना है कि बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए, हमें उम्मीद है कि आरबीआई ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। उम्मीद तो यह भी है कि दरें कम की जा सकती हैं क्योंकि ग्लोबल मार्केट की बात करें तो फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें कम की हैं। दरें कम होने या स्थिर रहने से रियल एस्टेट सेक्टर को स्थिरता मिलेगी और खरीदारों को भी राहत का एहसास होगा। यदि ब्याज दरें इसी तरह स्थिर रहती हैं, तो घर खरीदने वालों के लिए यह सही समय होगा, जिससे बाजार में और अधिक निवेश आएगा।
अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल के मुताबिक, आरबीआई ब्याज दरों को स्थिर रखता है तो यह रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सकारात्मक कदम होगा। स्थिर ब्याज दरें न केवल होम लोन की लागत को नियंत्रित रखेंगी, बल्कि यह नए खरीदारों के लिए प्रॉपर्टी में निवेश करने का एक आकर्षक अवसर भी प्रदान करेंगी। बाजार में स्थिरता होगी तो डेवलपर्स को भी नए प्रोजेक्ट्स शुरू करने का आत्मविश्वास मिलेगा। इससे न केवल रियल एस्टेट की मांग बढ़ेगी, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन मिलेगा। ऐसे समय में, जहां लोग घर खरीदने की सोच रहे हैं, अगर ब्याज दरें सही स्तर पर बनी रहती हैं, तो यह निश्चित रूप से बाजार में नई ऊर्जा लाएगा और खरीदारों की रुचि को और बढ़ाएगा।
सौरभ शर्मा, सेल्स डायरेक्टर, ट्राईसोल रेड के अनुसार अगर आने वाले सप्ताह में रेपो रेट इस बार भी स्थिर रहता है, तो यह हमारे लिए बेहद सकारात्मक साबित होगा। इससे हम अपने आगामी रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रोजेक्ट्स को मजबूती से आगे बढ़ा सकेंगे। होमबायर्स को किफायती फाइनेंसिंग विकल्प मिलने की संभावना बढ़ जाएगी, जो उनकी खरीदारी के आत्मविश्वास को और मजबूत करेगी। वहीं, अगर रेपो रेट में कोई कटौती होती है, तो इससे होम लोन की दरें और कम होंगी, जिससे खरीदारी को और भी प्रोत्साहन मिलेगा।
रहेजा डेवेलपर्स के नयन रहेजा का कहना है कि एक स्थिर मौद्रिक नीति हमेशा रियल एस्टेट बाजार के लिए लाभकारी होती है। अगर रेपो रेट स्थिर रहता है तो बाजार में स्थिरता बनी रहेगी, जो निवेशकों के लिए एक सकारात्मक माहौल तैयार करती है। हमारे नए प्रोजेक्ट्स में मांग बढ़ रही है, और इस स्थिरता के कारण यह रुझान और तेज होगा। हम अपने प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और होमबायर्स को बेहतरीन सुविधाएँ प्रदान करने की दिशा में कार्यरत हैं। अगर रेपो रेट में कमी आती है, तो इससे बाजार में और अधिक निवेश आकर्षित होगा, जिससे विकास की संभावनाएँ बढ़ेंगी। यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, और हम अपने काम में उच्च गुणवत्ता और समर्पण के साथ आगे बढ़ते रहेंगे।
नीरज शर्मा, मैनेजिंग डायरेक्टर इस्कॉन इंफ़्रा रियलटर के अनुसार स्थिर रेपो रेट न केवल प्रॉपर्टी निवेश को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि हमारी बिक्री में भी वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा। हमें विश्वास है कि अगर इस बार रेपो रेट में कोई कटौती नहीं होती है, तो यह एक सकारात्मक संकेत होगा। ऐसे में ग्राहक बिना किसी वित्तीय दबाव के अपने सपनों के घर को साकार करने में सक्षम होंगे। अगर रेपो रेट कम होता है, तो इससे अधिक लोग घर खरीदने की दिशा में आगे बढ़ेंगे, जिससे बाजार में तेजी आएगी।
सुनील कुमार जिंदल, चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर एंड डायरेक्टर मनसन ग्रुप का कहना है कि हाल ही में रियल एस्टेट सेक्टर में लग्जरी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की मांग में बढ़ोतरी देखने को मिली है। आगामी मौद्रिक नीति को ध्यान में रखते हुए, मौजूदा स्थिरता बनाए रखना इस सेक्टर के लिए फायदेमंद होगा, क्योंकि इससे रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की मांग बढ़ेगी और डेवलपर्स को खरीदारों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक प्रोजेक्ट्स बनाने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, स्थिर होम लोन दरें संभावित खरीदारों के लिए बड़ी राहत साबित होंगी। जैसे-जैसे लग्जरी हाउसिंग में रुचि बढ़ रही है, यह स्थिरता खरीदारों की दिलचस्पी को बढ़ाएगी और डेवलपर्स को और अधिक प्रोजेक्ट्स बनाने के लिए प्रेरित करेगी।
तिरस्या एस्टेट के एमडी, रविंद्र गांधी के अनुसार हमें उम्मीद है कि आरबीआई रेपो रेट को स्थिर रखेगा, जो रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए एक सकारात्मक कदम होगा। हाउसिंग सेक्टर में मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और लोन दरों में स्थिरता संभावित खरीदारों के लिए राहत लेकर आती है, जिससे वे ब्याज दरों के बढ़ने के दबाव के बिना निवेश कर सकते हैं। आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा को देखते हुए, हम रेपो रेट में थोड़ी कमी की उम्मीद करते हैं। इससे खरीदारों की दिलचस्पी बढ़ेगी और डेवलपर्स को नए प्रोजेक्ट्स लाने का प्रोत्साहन मिलेगा।
सनड्रीम ग्रुप के सीईओ, हर्ष गुप्ता का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि आरबीआई आगामी फैसले में रेपो रेट को स्थिर रखेगा। यह स्थिरता न केवल प्रॉपर्टी निवेश को बढ़ावा देगी, बल्कि बिक्री में भी इजाफा होगा। बढ़ती आर्थिक प्रगति के साथ, स्थिर ब्याज दरें खरीदारों और डेवलपर्स दोनों के लिए फायदेमंद होंगी, जिससे वाणिज्यिक बाजार को मजबूती मिलेगी और सभी के लिए निवेश के अवसर खुलेंगे। रियल एस्टेट की कीमतों में उतार-चढ़ाव की संवेदनशीलता को देखते हुए, आरबीआई का यह स्थिर दृष्टिकोण उद्योग के लिए एक मूल्यवान बढ़ावा साबित होगा।