जातिसूचक टिप्पणी पर सलमान को हाई कोर्ट से मिली राहत, नहीं होगी जांच

राजस्थान हाईकोर्ट ने फिल्म अभिनेता सलमान खान को जाति सूचक शब्द के इस्तेमाल के आरोपों के मामले में बड़ी राहत दी है. न्यायमूर्ति विजय विश्नोई ने बॉलीवुड स्टॉर सलमान खान के खिलाफ जोधपुर के नागौरी गेट थाने में विवादित शब्द के प्रयोग को लेकर दर्ज मुकदमे के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है.

हाईकोर्ट ने प्रार्थी नरेश कंडारा और पुलिस विभाग को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब तलब किया है. साथ ही इस दौरान एफआईआर के क्रियान्वयन पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं. जोधपुर के नरेश कंडारा ने सलमान खान और अभिनेत्री शिल्पा सेट्टी के खिलाफ एक टीवी साक्षात्कार के दौरान जाति सूचक शब्द इस्तेमाल करने को लेकर मुकदमा दर्ज कराया गया था.

पांच मार्च 2018 को इस्तगासे के जरिए मुकदमा दर्ज कराया गया. इसमें सलमान खान के खिलाफ 153क, 505, 292, 120बी आईपीसी व एससी एसटी एक्ट की धारा 3-1 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था. इस मामले पर रोक के लिए हाईकोर्ट में सलमान खान की तरफ से सीआरपीसी की धारा 482 के तहत याचिका पेश की गई थी.

वरिष्ठ अधिवक्ता महेश बोडा और उनके सहयोगी निशांत बोडा ने सलमान खान का पक्ष रखते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया यह मुकदमा बनता ही नहीं है, क्योकि सलमान खान ने एक साक्षात्कार में जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल खुद के लिए ही किया था. उन्होंने कहा, ”मैं ऐसा लगता हूं. ऐसे में अपराध कैसे हो गया. हाईकोर्ट ने प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए सलमान खान को राहत दी है और एफआईआर पर अंतरिम रोक लगा दी है.