वुहान में जिनपिंग से मिले PM मोदी

दो दिवसीय दौरे पर चीन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वुहान में हैं. पीएम मोदी ने यहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान हुबेई म्यूजियम में रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ पीएम मोदी का स्वागत किया गया.

इसके बाद दोनों नेताओं के बीच मीटिंग हुई. जिसमें दोनों देशों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे. भारत की तरफ से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल भी इस मुलाकात के दौरान मौजूद रहे.

पीएम मोदी ने याद किए पुराने दिन

शी जिनपिंग से मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पुराने दिन भी याद किए. उन्होंने कहा, ‘जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब मुझे वुहान आने का गौरव प्राप्त हुआ. मैंने यहां के बांध के बारे में बहुत सुना था. मैं एक स्टडी टूर पर आया और बांध पर एक दिन बिताया.’

पीएम मोदी ने कहा, ‘चीन और भारत की संस्कृति नदी किनारों पर आधारित रही है. अगर हम मोहनजोदड़ो और हड़प्पा संस्कृति की बात करें, तो सारा विकास नदियों के किनारे ही हुआ है.’

शी जिनपिंग से इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी कई और कार्यक्रमों में भी शिरकत करेंगे. पीएम मोदी का यह दौरा दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव और मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात के मद्देनजर काफी अहम माना जा रहा है.

बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच सीमा विवाद सहित कई मुद्दों का हल करने के लिए आमराय बनाने की दिशा में काम करने की भी उम्मीद है. इस अनौपचारिक वार्ता के दौरान किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया जाएगा.

दिल से जुड़ेगा दिल’

इस मुलाकात को ‘दिल से दिल को जोड़ने वाली पहल’ करार दिया जा रहा है जिसका उद्देश्य दोनों देशों के कुछ अति विवादास्पद मुद्दों पर सहमति की राह खोजना है. मोदी और शी जिनपिंग आज दिन के भोजन के बाद अकेले में बैठक करेंगे.

इसके बाद दोनों नेता वार्ता करेंगे जिसमें दोनों ओर से 6-6 आला अधिकारी भाग लेंगे. दोनों नेता चर्चित ईस्ट लेक के किनारे रात्रि भोज करेंगे जो कि चीन के क्रांतिकारी नेता माओ का माओत्से तुंग का पसंदीदा अवकाश गंतव्य रहा है. शनिवार को दोनों नेता झील के किनारे टहलेंगे, बोट में यात्रा करेंगे और भोज करेंगे.

पहली बार ऐसी मुलाकात

पीएम मोदी के इस दौरे पर कोई समझौता नहीं होगा. अधिकारियों ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन मुद्दों को सुलझाने पर सहमति बनाने का प्रयास है जो कि किसी समझौते की घोषणा के बजाय बाद की कार्रवाई पर होगा. दोनों नेताओं के बीच इस तरह का संवाद पहली बार हो रहा है.

चीनी सेना ने क्या कहा

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने उम्मीद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर सम्मेलन दोनों सेनाओं के बीच संबंधों को स्थिर बना सकता है. चीनी सेना के मुताबिक, सीमाओं पर शांति बनाए रखने में मदद कर सकता है और मतभेदों को सुलझा सकता है.

पीएम मोदी की चौथी चीन यात्रा

साल 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी की यह चौथी चीन यात्रा है. इसके बाद वह 9 और 10 जून को क्विंगदाओ शहर में होने जा रहे एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने चीन जा सकते हैं.