दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला ने पेट्रोलियम की ऊंची कीमतों से परेशान भारत के लोगों को 30 फीसदी सस्ता तेल देने का आकर्षक प्रस्ताव रखा है. लेकिन उसने इसके लिए एक ऐसी शर्त रख दी है, जिसे पूरा कर पाना भारत के लिए बहुत मुश्किल है.
वेनेजुएला ने कहा है कि वह भारत को 30 फीसदी सस्ता कच्चा तेल देने को तैयार है, लेकिन इसके लिए पेमेंट वह सिर्फ अपने डिजिटल यानी क्रिप्टो करेंसी में ही लेगा. गौरतलब है कि कच्चे तेल की कीमत हाल में 75 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है. ऐसे में वेनेजुएला की यह पेशकश काफी आकर्षक लग रही है, लेकिन भारत सरकार ने क्रिप्टो करेंसी को अवैध घोषित कर दिया है, इसलिए सरकार के लिए डिजिटल करेंसी में भुगतान कर वेनेजुएला से सस्ता तेल खरीदना बहुत ही मुश्किल लग रहा है.
खबरों के अनुसार, वेनेजुएला की ‘डिजिटल पेट्रो’ दुनिया की पहली सरकार समर्थित वर्चुअल करेंसी है, जिसने हाल में दिल्ली के डिजिटल करेंसी एक्सचेंज कॉइनसेक्योर के साथ करार किया है. कॉइनसेक्योर भारत में बिटकॉइन ट्रेडिंग करने वाली कंपनी है जो अब भारत में डिजिटल पेट्रो क्रिप्टोकरेंसी बेचने की तैयारी कर रही है.
डिजिटल पेट्रो को वेनेजुएला सरकार ने पिछले साल लॉन्च किया था. इसे इस साल 20 मई को वेनेजुएला में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के बाद औपचारिक मान्यता भी मिल जाएगी. इसकी इस साल 20 फरवरी को प्री-सेल हुई थी, जिसके बाद इसकी कीमत में अब तक 3.8 अरब डॉलर से ज्यादा की बढ़त आ चुकी है.
असल में दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला आर्थिक संकट से गुजर रहा है, ऐसे में वह अपनी डिजिटल करेंसी को कई देशों में बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है. वहां की सरकार तो पेट्रो करेंसी को 2020 तक आधिकारिक करेंसी घोषित करने की भी योजना बना रही है. वेनेजुएला के पास 300 अरब बैरल का दुनिया का सबसे बड़ा तेल भंडार है.
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच साल में भारत में वेनेजुएला से होने वाला तेल आयात अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है. नवंबर 2017 से फरवरी 2018 के बीच भारत ने वेनेजुएला से करीब 3 लाख बैरल प्रति दिन (bpd) कच्चे तेल का आयात किया है.