माउण्ट आबू। श्रीसोमनाथ महादेव मन्दिर, सन्त सरोवर में ‘हिन्दुस्तान में हिन्दू विभाजित क्यों? विषय पर विभिन्न हिन्दू संगठनों के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए धर्मगुरु श्रीस्वामी संवित् सोमगिरिजी महाराज ने कहा कि हमारी संस्कृति वेद मूलक है, सबके कल्याण के लिए है लेकिन हमारी हिन्दू सनातन संस्कृति संकुचित होती जा रही है। काल का एक दुर्घर्ष प्रभाव पड़ता है। हमने कहां गलती कर दी, इस पर विचार ही नहीं किया। हमारे बोध में विकार आ गया। हमारी संस्कृति को नष्ट करने के लिए बारम्बार हमले हुए लेकिन हमारे अन्दर एक आग धधकती रहती है जिसने इसको बचाये रखा है। युवाओं को अपनी ताकत को पहचानना होगा, अपने पौरुष को परिष्कृति करना होगा इसके लिए उन्हें शास्त्र और शस्त्र दोनों को अपनाना होगा। वर्तमान समय आपस में लड़ने का नहीं है, विखण्डन का नहीं है, एक-दूसरे के प्रति ईर्ष्या, राग-द्वेष रखने का भाव नहीं है। समय है बिखरे हुए हिन्दू संगठनों को जो अलग-अलग रह कर सीमित दायरे में कार्य कर रहें हैं उन सभी को अहम भाव भूल कर एक झण्डे के तले संगठित होकर राष्ट्र की एकता, अखण्डता तथा सनातन संस्कृति को बचाने के लिए नियोजित तरीके से फैलाव और विस्तार करना होगा क्योंकि वर्तमान में हिन्दुत्व को बांटने का साजिश चल रही है। धर्म को राष्ट्र और अध्यात्म से अलग कर दिया है, संविधान की मूल भावना से छेड़छाड़ की गई है, अल्पसंख्यक का जहर बोया जा रहा है, गुरुकुल परम्परा को नष्ट कर शिक्षा का पतन होने के कारण युवा पीढ़ी को सनातन संस्कृति से दूर किया जा रहा है। हमारा जीवन यंत्रवत हो गया है। इस मनोवृति को सभी हिन्दूवादी संगठनों को एकजूट होकर बदलना है। संविधान में हो रहे छेड़छाड़ के विरूद्ध आवाज उठानी है। अपनी ताकत को पहचानने तथा लक्ष्य को पहचानने के लिए अपने दर्शन को ठीक करो, तभी हम अपने आप को सुरक्षित रख पायेंगे, संस्कृति को बचा पायेंगे। संस्कृति बचेगी तो हिन्दू बचेगा, हिन्दू बचेगा तो विश्व बचेगा क्योंकि हमारी भारतीय संस्कृति वसुदेव कुटुम्बकम की है इसलिए हिन्दू राष्ट्र की स्थापना द्वारा विश्व कल्याण का एकमात्र उपाय है।