मोदी सरकार तीन तलाक के बाद मुस्लिम महिलाओं के हित में दो और बड़े फैसले लेने जा रही है. सरकार तीन तलाक के बाद निकाह हलाला और बहुविवाह को खत्म करने तैयारी में है.
सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार निकाह हलाला और बहुविवाह को समाप्त करने के पक्ष में हैं. यह वजह है कि निकाह हलाला और बहुविवाह को चुनौती देने वाली याचिकाओं के जवाब में अभी तक केंद्र सरकार ने कोई भी याचिका दाखिल नहीं की है.
सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार तीन तलाक बिल पारित कराने के बाद मुस्लिम महिलाओं को निकाह हलाला और बहुविवाह की कुरीतियों से निजात दिलाने के लिए कदम उठाएगी. इसके सरकार संसद में बिल भी ला सकती है.
वहीं, अभी तक तीन तलाक बिल संसद में अटका हुआ है. पिछले सत्र में मोदी सरकार ने लोकसभा में तीन तलाक बिल को पारित करा लिया था, लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के चलते यह अब तक लटका हुआ है.
कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल तीन तलाक में संशोधन की मांग कर रहे हैं, जबकि मोदी सरकार इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं करना चाहती है. कई मुस्लिम संगठन भी मोदी सरकार के तीन तलाक बिल का विरोध कर रहे हैं.
इन मुस्लिम संगठनों का कहना है कि मोदी सरकार उनके धार्मिक मामले में दखल दे रही है, जबकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट भी केंद्र सरकार से तीन तलाक पर कानून बनाने को कह चुकी है. सुप्रीम कोर्ट यहां तक कह चुका है कि तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.
वहीं, मामले में मोदी सरकार का कहना है कि यह बिल मुस्लिम महिलाओं के हित में हैं. तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है. इस कानून का मकसद धार्मिक मामलों में दखल देना नहीं है, बल्कि मुस्लिम महिलाओं को उनका हक दिलाना है.