डॉक्टरों व रोगी के मध्य में मैत्री व शौहार्दय पुर्ण वातावरण होना आवश्यक – डा० सतेन्द्र जैन

विनोद तकिया वाला

नई दिल्ली ।डा० व रोगी  के मध्य मैत्री ब सौहादर्य पूर्ण वातावरण होना अति आवश्यक होता हॅ,आप सभी इतनी लम्बी पढ़ाई में अपने जीवन के अमुल्य गमय खर्च कर डॉक्टर की पढ़ाई कर अपनी सेवा देते है।यह विचार आई० एम० ए० के रोहणी क्षेत्र के द्वारा आयोजित सम्मान स्मारोह में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डा०सतेन्द्र जैन ने कही। एसोसिएशन रोहिणी ज़ोन द्वारा ऐनुअल कॉन्फ्रेंस अथवा डॉक्टर्स डे का आयोजन। हर साल की तरह, इस वर्ष भी, आईएमए रोहिणी ज़ोन ने डॉक्टर्स डे के साथ हीं एनुअल कॉन्फ्रेंस का भी आयोजन किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से, आईएमए रोहिणी, हर उन चिकित्सकों को सम्मानित करता है, जिनका हमारे समाज में एक अहम योगदान रहा है। डॉक्टर्स के बिना समाज का कल्याण अधूरा है, और इसी बात को लोगों तक पहुंचाने के लिए पिछले पांच वर्षों से लगातार आईएमए रोहिणी इस कार्यक्रम का आयोजन करता आ रहा है।

इस कार्यक्रम के आयोजन कर्ताओं में मुख्य नाम डॉ. सत्यपाल यादव, संगठनात्मक सचिव, डॉ राकेश बिंदल, अध्यक्ष, डॉ गिरीश कैली, कॉन्फ्रेंस चेयरमैन डॉ मनीष मित्तल, डॉ अभिषेक पचौरी, डॉ हर्ष श्रीवास्तव अथवा डॉ महावीर सिंह तोमर का रहा। पूरे कार्यक्रम का कार्य भार इन्होंने ही संभाला। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री सत्येंद्र जैन, स्वास्थ्य मंत्री, दिल्ली सरकार थे। उन्होंने अपने शब्दों में डॉक्टर समाज को उनके काम के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, “एक मरीज़ और चिकत्सक का रिश्ता बहुत गहरा होता है और उसमें एक तालमेल कि जरूरत होती है, हम आईएमए रोहिणी के इस कदम की सराहना करते हैं और साथ ही स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे में जो भी कानूनी सहायता हो सकेगी वो करने के लिए सरकार हमेशा उनके साथ है।”
कार्यक्रम में डॉ राकेश कुमार गुप्ता को समाज के प्रति उनके अहम योगदान को देखते हुए, रोहिणी रत्न से सम्मानित किया गया, डॉ गुप्ता ने एक समझदार व सभ्य नागरिक होने के साथ हीं समाज के प्रति उनकी जिममेदारी को बहुत अच्छे से निभाया, एक मरीज़ के लिए डॉक्टर की जो भी ज़िम्मेदारियां होती है, उसे बेहद सजग रूप से पूरा किया, इस बात के महत्व को समझते हुए, उन्हें इस सम्मान से नवाजा गया।
इस पूरे कार्यक्रम को दो मुख्य भाग में बांटा गया, सुबह 9 से 11 बजे तक एक सर्टिफिकेट कोर्स का आयोजन हुआ जिसमें लगभग 400 लोगों ने हिस्सा लिया। उसके बाद के कार्यक्रम में पुरस्कार वितरण किया गया, अथवा इस मुद्दे के साथ हीं कार्य का समापन किया गया कि हार्ट फेल्योर के केस में एक डॉक्टर को मुख्य रूप से कीन चीज़ों का ध्यान रखना चाहिए।