प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर (टीओटी) मॉडल में प्रस्तावित संशोधन और सुधार को मंजूरी दे दी है। व्यापारिक परिचालन तिथि (सीओडी) के लागू होने के बाद परिचालन करने तथा एक वर्ष से सफलतापूर्वक राजस्व सृजन करने वाले सार्वजनिक वित्त पोषित राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का टीओटी मॉडल के जरिए मुद्रीकरण किया जाएगा। यह मुद्रीकरण मामलों के आधार पर सड़क यातायात एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सक्षम प्राधिकार की स्वीकृति के अधीन होगा।
टीओटी मॉडल के इस्तेमाल से मुद्रीकरण योग्य लगभग 75 परिचालनशील राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की पहचान की गई है। निजी क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए इन्हें 10 अलग-अलग बोलियो में शामिल किया गया है। ऐसी परियोजना मुद्रीकरण की प्रक्रिया से सृजित होने वाली निधियों को सरकार इस्तेमाल करेगी, ताकि भावी विकास तथा देश में राजमार्गों के परिचालन तथा रखरखाव की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निधि को खर्च किया जा सके। इस मॉडल से निजी क्षेत्र के जरिए टोल प्राप्त करने में सुविधा होगी।
उपरोक्त स्वीकृति से निवेशकों के लिए मॉडल को अधिक आकर्षक बनाना और मुद्रीकरण का दायरा बढ़ाना सुनिश्चित होगा। इसके अलावा इस मुद्रीकरण से जो निधि प्राप्त होगी, उसे देश में राजमार्गों के विकास/परिचालन और रखरखाव में इस्तेमाल किया जाएगा। इसके कारण देश भर में राजमार्गों का इस्तेमाल करने वालों को फायदा मिलेगा।
रणनीति कार्यान्वयन और लक्ष्यः
स्वीकृत टीओटी मॉडल से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को यह अधिकार मिलेगा कि वह कम से कम दो वर्षों से सफलतापूर्वक टोल संकलन करने वाली ईपीसी/बीओटी (वार्षिक वृत्ति) जैसी परियोजनाओं के मद्देनजर सार्वजनिक वित्त पोषित राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का मुद्रीकरण कर सके। स्वीकृत टीओटी मॉडल के तहत निर्धारित 30 वर्षीय रियायती अवधि मिलेगी। मुद्रीकरण से प्राप्त होने वाली निधि को सरकार देश में राष्ट्रीय राजमार्गों के भावी विकास, उनके परिचालन तथा रखरखाव के संबंध में वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने में खर्च करेगी।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने टीओटी मॉडल के तहत परियोजनाओं के एक समूह का मुद्रीकरण किया है, जिससे सरकार के लिए 9681.50 करोड़ रुपये के राजस्व का सृजन हुआ है। बहरहाल, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा परिसंपत्तियों के मूल्य संवर्द्धन के मद्देनजर दूसरे समूह के बाजार मूल्य संवर्द्धन में परिवर्तन आ गया है। मॉडल में अनिश्चितता को कम करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने निजी क्षेत्र के साथ कई दौर की बातचीत की है। मॉडल में स्वीकृत संशोधनों से टीओटी मॉडल के जरिए परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण को प्रभावशाली बनाने में मदद मिलेगी।
पृष्ठभूमिः
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को टीओटी मॉडल के जरिए सार्वजनिक वित्त पोषित राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का मुद्रीकरण करने का अधिकार प्राप्त है। टीओटी मॉडल प्राधिकरण को निम्नलिखित की अनुमति देता है-
(i) उचित परिचालन और रखरखाव के जरिए निर्मित और चालू राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के कारगर प्रबंधन को सुनिश्चित करना।
(ii) भारतमाला कार्यक्रम और अन्य राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यों के तहत लक्ष्य पूरा करने के लिए आवश्यक अतिरिक्त निधियों की व्यवस्था करना।