‘मॉन्स्टर’ उन चीजों की बात करती है, जिन्हें समाज सरासर गलत मानता हैः निर्देशक मेरियस ओल्टेन्यू

‘कई ऐसी चीजें हैं, जिन्हें समाज सरासर गलत मानता है, जैसे समलैंगिकता और एक ऐसी महिला, जो बच्चे नहीं चाहती। मैं इन चीजों के बारे में और छानबीन करना चाहता हूं।’ भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्‍सव (आईएफएफआई) गोवा में 23 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया से बात करते हुए मेरियस ओल्टेन्यू ने यह बातें कहीं।

अपनी फिल्म ‘मॉन्स्टर’ के बारे में बात करते हुए ओल्टेन्यू ने कहा, ‘मैं यह पता लगाना चाहता हूं कि एक संबंध में कुछ समय के बाद क्या होता है, खासकर तब जब दो लोग एक दूसरे के अनुरूप नहीं होते।’ यह फिल्म रिश्तों, एक-दूसरे को बर्दाश्त करने और स्वीकार करने की कहानी कहती है।

 

फिल्म के मुख्य अभिनेताओं की बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं एक ऐसी अभिनेत्री चाहता था, जिसमें मजबूती और कमजोरी दोनों हों। वहीं पुरुष किरदार की भूमिका के लिए यह काफी जटिल था, क्योंकि समलैंगिकता अब भी एक संवेदनशील विषय है और बहुत सारे अभिनेता इसे लेकर असहज थे।’

असामान्य प्रारूप में फिल्म की शूटिंग के बारे में बताते हुए ओल्टेन्यू ने कहा, ‘मैंने और मेरे सिनेमैटोग्राफर लूसियान सियोबानू ने इस बात पर चर्चा की कि वह कैसे स्क्रीन के बाहर दर्शकों को इसे समझना चाहते थे। जब वे नाच रहे हों, उस समय की आवाज और हर तरह से उनका खुश रहना, इसका अहम हिस्सा था।’

इस फिल्म के सिनेमैटोग्राफर लूसियान सियोबानू भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे। उन्होंने बताया कि ‘यह फिल्म पूरे फॉर्मेट में शूट की गई लेकिन फ्रेमिंग एडीटिंग के दौरान की गई। सबकुछ सुनियोजित था।’

ओल्टेन्यू ने फिल्म से पहले की तैयारियों का जिक्र करते हुए कहा कि ‘क्योंकि मैं कभी इतने लंबे संबंधों में नहीं रहा, मैंने कई शादीशुदा जोड़ों से अलग-अलग बात की और सबसे ज्यादा प्रेरणा वहीं से मिली।’

ओल्टेन्यू ने बताया कि ‘इस फिल्म का निर्माण रोमानियन फिल्म सेंटर की मदद से किया गया है। इसमें रोमानिया के सरकारी प्रसारक टीवीआर की भी सहयोग मिला है।’

ऐतिहासिक फिल्म बालुआं शोलाक इसी नाम के एक पहलवान से जुड़ी सत्य घटनाओं पर आधारित है। इसके निर्देशक नरजेल्डी शेडीगुलोव इससे पहले कई डॉक्यूमेंट्री बना चुके हैं। बालुआं शोलाक बतौर निर्देशक उनकी पहली फिल्म है।

फिल्म के बारे में बात करते हुए शेडीगुलोव ने कहा, ‘बालुआं एक राष्ट्रीय नायक हैं। वह संगीतकार भी थे। वह एक ऐसे शख्स भी थे, जिन्होंने कजाखस्तान के लोगों की पहचान के लिए लड़ाई लड़ी।’

उन्होंने बताया कि ‘इस फिल्म को निजी फंडिंग के साथ-साथ कजाखस्तान की सरकार द्वारा भी प्रायोजित किया गया है।’ इस अवसर पर उपस्थित कजाखस्तान के अभिनेता येरकेबुलान डेवरोव ने फिल्म बालुआं शोलाक में निभाए गए वास्तविक जीवन के किरदार के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘कजाखस्तान में हर कोई उनके बारे में जानता है। उनके जीवन पर आधारित कई नाटक हैं। मैंने कई नाटकों में उनके किरदार को निभाया है और फिर मुझसे इस फिल्म में उनका किरदार निभाने के लिए संपर्क किया गया। मैंने उनके जैसा दिखने के लिए एक महीने में 15 किलोग्राम वजन बढ़ाया। बालुआं 800 किलोग्राम वजन उठा सकते थे। मुझे इतनी ताकतवर शख्स की तरह दिखने की जरूरत थी।’

मेरियस ओल्टेन्यू निर्देशित ‘मॉन्स्टर’ का प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा श्रेणी में किया गया है, जबकि नरजेल्डी शेडीगुलोव निर्देशित बालुआं शोलाक को आईएफएफआई में वर्ल्ड पैनोरमा सेक्शन में प्रदर्शित किया गया है।