हितेन शुक्ला
पश्चिम रेलवे 5 नवम्बर, 2020 को अपने 70 वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में अपने समृद्ध इतिहास और गौरवशाली विरासत को पूरे उत्साह और उत्सव के साथ मनायेगी।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम रेलवे ने अपनी शुरुआत के बाद से कई मील के पत्थर हासिल किए हैं। अपने वर्तमान स्वरूप में, पश्चिम रेलवे 5 नवंबर, 1951 को अपने पूर्ववर्ती बंबई, बड़ौदा और सेंट्रल इंडिया रेलवे (BB & CI) के विलय से अस्तित्व में आई, जिसमें अन्य तत्कालीन रियासती रेलें, सौराष्ट्र, राजपूताना और जयपुर इत्यादि भी विलीन हुईं। बीबी एन्ड सी आई रेलवे का उद्घाटन 1855 में किया गया था, जिसकी शुरुआत तब गुजरात के पश्चिमी तट पर गुजरात राज्य के अंकलेश्वर से उत्राण तक 29 मील ब्रॉड गेज ट्रैक के निर्माण के साथ हुई थी। उस वर्ष बाद में 21 नवंबर, 1855 को कंपनी ने सूरत और बड़ौदा और अहमदाबाद से रेलवे लाइन बनाने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ एक समझौता किया। पश्चिमी बंदरगाहों वाले गुजरात में कपास की भरपूर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक अन्य अनुबंध पर उत्राण (सूरत के उत्तर) से बॉम्बे तक एक लाइन शुरू करने के लिए हस्ताक्षर किये गये थे। अगले वर्ष रेल लाइन पर काम शुरू किया गया और बंबई में उत्राण से ग्रांट रोड स्टेशन के लिए आधिकारिक तौर पर 28 नवंबर, 1864 को पश्चिमी लाइन की शुरुआत को चिह्नित करते हुए खोला गया। बंबई शहर के भीतर बीबी एंड सीआई लोकल लाइन की वास्तविक स्थापना की प्रक्रिया और एक टर्मिनस की पहचान, विशेष रूप से ग्रांट रोड के दक्षिण में – पहला टर्मिनस, एक हैरान कर देने वाला मुद्दा था। हालांकि ग्रांट रोड स्टेशन पर उद्घाटन रन समाप्त हो गया, लेकिन यह टर्मिनस उस आबादी की पर्याप्त रूप से सेवा नहीं करता था, जो आगे दक्षिण मुंबई में रहती थी; पुराने किले के पास या कोलाबा में छावनी जहां एक बड़ी आबादी रह रही थी। पुराने किले के पश्चिमी हिस्से के बाहर और पश्चिमी खाड़ी के साथ-साथ, बैक बे तक विस्तार करने का निर्णय लिया गया। बाद में इस स्टेशन को चर्चगेट कहा जाता था, क्योंकि यह किलेदार शहर के पुराने चर्च के गेट के करीब था, जो सेंट थॉमस चर्च में प्रवेश करता था और बाद में कैथेड्रल बन गया। पश्चिम रेलवे मुंबई शहर के साथ विकसित हुई है और मुंबई शहर पश्चिम रेलवे के साथ विकसित हुआ है तथा मुंबई शहर के विकास का प्रमुख केंद्र रहा है। पश्चिम रेलवे का मुंबई उपनगरीय सिस्टम चर्चगेट से दहानू रोड तक मौजूद है। पश्चिम रेलवे का वर्तमान क्षेत्राधिकार 6 डिवीजनों में है, जिनमें मुंबई सेंट्रल, वडोदरा, अहमदाबाद, राजकोट, भावनगर और रतलाम शामिल हैं।
श्री ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे के गौरवशाली अतीत और 70 वें स्थापना दिवस को मनाने के लिए, एक विशेष सोशल मीडिया अभियान शुरू किया गया है, जिसके माध्यम से पश्चिम रेलवे के गोल्डन हेरिटेज और पश्चिम रेलवे के महत्वपूर्ण स्थानों जैसे विषयों पर लघु वीडियो साझा किए जाएंगे। पश्चिम रेलवे द्वारा ज़ोन के विभिन्न महत्वपूर्ण, ऐतिहासिक और धार्मिक स्थानों के बारे में अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर वेबकार्ड की एक श्रृंखला भी साझा की जा रही है। इसके अलावा, कई स्टेशनों, मुख्यालय और डिवीजन भवनों और हेरिटेज लोकोमोटिव इंजनों को सुंदर रोशनी से सजाया जा रहा है। इनके अलावा पश्चिम रेलवे मुख्यालय और मंडल कार्यालयों में पौधारोपण भी किया जायेगा। स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में फेस मास्क पश्चिम रेलवे में हाउसकीपिंग और सफाई कर्मचारियों के बीच वितरित किये जायेंगे। कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक नारा लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई है, जिसके विजेताओं की घोषणा 5 नवम्बर, 2020 को होने वाले ऑनलाइन समारोह की जायेगी और सभी विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए जायेंगे। 70 वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में प्रदर्शित बैनर भी सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों पर प्रदर्शित किए जाएंगे। स्थापना दिवस मनाने के एक और दिलचस्प तरीके के अंतर्गत पश्चिम रेलवे के सभी कर्मचारियों के आधिकारिक मोबाइल नंबरों पर एक कॉलर ट्यून “धड़क- धड़क” बजाई जा रही है। 70 वें स्थापना दिवस पर ऑनलाइन समारोह 5नवम्बर, 2020 की शाम को रखा गया है, जिसकी अध्यक्षता पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल करेंगे। यह समारोह पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा श्रीमती तनुजा कंसल की गरिमापूर्ण उपस्थिति में आयोजित होगा। इस अवसर पर पश्चिम रेलवे की उल्लेखनीय उपलब्धियों और विकास पर आधारित एक लघु फिल्म दिखाई जाएगी। इसके बाद पश्चिम रेलवे के विकास और विरासत की ऐतिहासिक सम्पदा पर एक लघु फिल्म दिखाई जाएगी। इस अवसर पर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल सभी डिवीजनों और मुख्यालय में पश्चिम रेलवे कर्मचारियों के लिए किए गए विभिन्न बुनियादी विकास कार्यों का लोकार्पण और उद्घाटन करेंगे।