विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है।इसका उद्देश्य विश्व के सभी देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है।साथ ही जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करना है।
एक समय था जब हर जगह कुएं, तालाब, नहर और नदियां दिखाई देती थीं, लेकिन अब पानी का स्तर धीरे-धीरे कम होता जा रहा है, जिससे दुनियाभर में जल संकट गहराता जा रहा है। दुनियाभर के लोगों को पानी के महत्व को समझाने और स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है।
जल के इस संकट को देखते हुए पंचतत्त्व फ़ाउंडेशन की संस्थापक शिप्रा पाठक जो अपने जल के प्रति कार्यों एवं प्रेम के कारण वॉटर वुमन के नाम से भी जानी जाती है उन्होंने अपने जीवन को जल के प्रति समर्पित कर दिया है।
माँ नर्मदा की 3600 किलो मीटर पैदल परिक्रमा करने वाली शिप्रा ने भारत की नदियों के किनारे एक करोड़ पौधों को लगाने का संकल्प लिया है।गत वर्ष 3 लाख पौधे नर्मदा,शिप्रा एवं सरयू की किनारे लगाए जा चुके है।
इस संकल्प में पंचतत्व फ़ाउंडेशन से लाखों की संख्या में लोग जुड़ चुके है।
अंतरराष्ट्रीय जल दिवस पर वॉटर वुमन शिप्रा ने सभी से जल एवं पंचतत्व के प्रति मानवीय होने का आग्रह किया।