WHO: पिछले साल सर्वाधिक बच्चों को डीपीटी टीके नहीं लगाने वाले देशों में भारत सहित पांच देश शामिल

डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ की नई रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल 2.5 करोड़ बच्चो का डिप्थीरिया, टेटनस और काली खांसी जैसे रोगों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण नहीं हो पाया… 2019 में कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत से ही बच्चों के टीकाकरण में गिरावट दर्ज की जा रही है… यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक ने कहा, “यह बच्चों के स्वास्थ्य के लिए रेड अलर्ट है.” उन्होंने कहा, “हम एक पीढ़ी में बच्चों के टीकाकरण में सबसे बड़ी सतत गिरावट देख रहे हैं…” उन्होंने कहा कि इसका परिणाम जीवन के खोने में मापा जाएगा… आंकड़ों से पता चलता है कि टीकाकरण से वंचित रहने वाले अधिकांश बच्चे विकासशील देशों, जैसे इथियोपिया, भारत, इंडोनेशिया, नाइजीरिया और फिलीपींस में रहते हैं… हालांकि, दुनिया के हर क्षेत्र में वैक्सीन कवरेज के मामले में गिरावट दर्ज की गई… सबसे खराब प्रभाव पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में पाया गया है… विशेषज्ञों ने टीकाकरण में इस ”ऐतिहासिक गिरावट” को विशेष रूप से परेशान करने वाला बताया क्योंकि यह ऐसे समय में हो रही है, जब गंभीर कुपोषण के मामले बढ़ रहे हैं… कुपोषित बच्चों में आमतौर पर कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली होती है और खसरा जैसे संक्रमण अक्सर उनके लिए घातक साबित हो सकते हैं…